मच्छर कैसे पैदा होेते हैं?
आपने अक्सर यह जरूर देखा होगा कि मच्छर गर्मियों के दिन में ज्यादा परेशान है क्योंकि मच्छर गर्मियों में ज्यादा पैदा होते है और यह मच्छर लगभग 20-30 डिग्री सेल्सीयस के तापमान पर अधिक पैदा होते है और ठण्डी जगहों पर या सर्दियों के दिनो में मच्छरों कि संख्या लगभग ना के बराबर हि देखने को मिलती है। अब सवाल यह उठता है कि इतने सारे मच्छर पैदा कैसे होते है तो चलिए जानते है-
मादा मच्छर जहाँ गन्दे पानी को देखती है वहाँ पर एक बार में 100-300 अण्डे देती है जिसके बाद सभी अण्डे पानी के अन्दर चले जाते है फिर यह अण्डे पानी के अन्दर 2-3 दिन तक रहते है फिर यह अण्डे टुट जाते है टुटे हुए अण्डो में से इन मच्छरों का लारवा निकलता है यह लारवा धिरे-धिरे पानी कि सतह पर जाता है। लारवा का मतलब यह होता है कि कोई भी कीट जब अपने जीवन के पहले चरण में आता है पहले वह अण्डा बनता है फिर उसके बाद झिल्ली जैसा कीट बन जाता है जो बहुत मुलायम होता है और एक खोल जैसा होता है। इस खोल के अन्दर मच्छर सभी प्रकार के पोषण पाकर पलता रहता है फिर उसी खोल के अन्दर उसके पुरे शरीर का विकास होता है लगभग 4-14 दिन के अन्दर मच्छर उस खोल को तोड़कर बाहर आ जाते है अगर यह मच्छर मादा मच्छर होगी तो यह खुन चुसेगी और लगभग 30 दिनों के अन्दर मर जायेगी अगर यह मच्छर नर मच्छर होगा तो यह पौधो का रस पियेगा और लगभग 10 दिनों के अन्दर मर जायेगा।