दोस्तो आपने पंक्षियो को बिजली के तारो पर तो जरूर बैठा देखा होगा, और तब आप यह सोचते होगें कि ये पक्षी बिजली का तारो पर इतनी आसानी से कैसे बैठ जाते है, इन्हे करंट क्यो नही लगता है अगर हम बिजली के तारो को गलती से भी छु लेते है तो हमे एक जोर दार झटका लगता है लेकिन बिजली को खुली तारो पर बैठी चिडीया या पक्षियो को करंट क्यो नही लगता है आये जानते है ऐसा क्यो होता है।
दोस्तो इलेक्ट्रोन्स का आगे बढना हि एक तरह से करंट होता है इलेक्ट्रोन्स तार के माध्यम से आगे बढते है और हमारे घरो मे बिजली के रुप मे पहुँचते है। दोस्तो इलेक्ट्रोन्स हमेशा आगे कि तरफ बढते रहते है और इलेक्ट्रोन्स के आगे बढने के लिए एक सर्किट का होना जरुरी है और अगर सर्किट पुरा नही होगा तो करंट भी नही लगेगा। इलेक्ट्रोन्स समय से कम रुकावट या कम बाधा वाला रास्ता चुनते है और अगर रास्ते मे कोई रुकावट होती है तो इलेक्ट्रोन्स धातु से होते हुए आगे चले जाते है और ये बात तो हम सभी अच्छे तरिके से जानते है कि धातु बिजली कि काफी अच्छी सुचालक होती है और धातु के जरिये बिजली एक जगह से दुसरी जगह बडी ही आसानी से आ-जा सकती है और इसी तरह करंट एक तरफ से दुसरी तरफ पहुँचता है। दोस्तो जब को पक्षी बिज्जली के खुले तारो पर बैठता है तो उसे करंट नही लगता है, लेकिन अगर हम बिजली के खुले तारो को छु ले तो हमे एक जोर दार झटका लगता है तो ऐसा इसिलिए होता है क्योकि चिडिया का सम्पर्क तार के अलावा किसी और चीज से नही होता है जिस वजह से इलैक्ट्रोन का सर्किट पुरा नही हो पाता है और वो बिना रुकावट वाले रास्ते से आगे बढ जाते है यानि इलेक्ट्रोन उस धातु से बने तार के द्वारा आगे बढ जाते है और इस वजह से पक्षी को करंट नही लगता है अब आप यह सोच रहे होंगे कि जब पक्षी को करंट नही लगता है तो मनुष्य को क्यो लगता है तो हम आपको बता दे कि अगर कोई इंसान बिजली के खुले तार पर जाकर बैठ जाये तो उसे भी करंट नही लगेगा, लेकिन अगर वो इस तार पर बैठकर किसी चीज को छु लेता है जैसे कि बिजली के खम्बे को तो करंट लगेगा। दोस्तो अगर इसी तरह कोई पंक्षी बिजली के खम्बे पर बैठा हो और वो किसी ओर तार को छु ले तो उसे भी करंट लगेगा मतलब जब कर सर्किट पुरा नही होता है तब तक करंट नही लगता है। बिजली को जब तक अर्थिंग नही मिलेगी तब तक करंट भी नही लगेगा।