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लोरी सुनने के बाद बच्चे को नींद क्यों आती हैै?

  आपने अक्सर यह देखा होगा को बच्चों को सुलाने के लिए लोरी सुनाई जाती है जिसके बाद वह बच्चा लोरी सुनकर चुप-चाप सो जाता है। यह सदियों से पुरानी परंपरा चलती आ रही है और 100% सफल ट्रिक है। तो चलिए जानते हैं कि लोरी सुनने के बाद बच्चे को नींद क्यों आ जाती है-

दरअसल बात सिर्फ लोरी की नहीं है बल्कि संगीत की है। संगीत का मनुष्य के मन से ही नहीं बल्कि शरीर से भी काफी गहरा रिश्ता होता है। यदि आप नियमित रूप से प्रतिदिन 30 मिनट अपना पसंदीदा संगीत सुनते हैं तो बीमारी की अवस्था में दवाइयां ठीक प्रकार से काम करने लगती हैं और आप अपेक्षाकृत जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। महान वैज्ञानिकों का मानना है कि संगीत को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना देना चाहिए । संगीत से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है , शरीर के दर्द कम हो जाते हैं , और साथ ही में यादाश्त बढ़ जाती है। लेकिन बात यह है कि संगीत की धुन से हृदय की गति यानि Heartbeat पर क्या प्रभाव पड़ता  है । यदि आप डीजे पर कोई डांसिंग संगीत सुन रहे हैं तो आपकी हृदय गति Heartbeats बढ़ जाएगी। यदि आप कोई मधुर संगीत सुन रहे हैं तो आप की हार्टबीट मंदी हो जाएगी। लोरी का संगीत हमेशा धीरे होता है, इसीलिए हृदय गति मंदी  हो जाती है और नींद आ जाती है। यह अचंभा केवल लोरी से ही नहीं होता बल्कि गजल और शास्त्रीय संगीत से भी होता है। इसीलिए तो बुजुर्ग रात के समय मधुर संगीत सुनना पसंद करते हैं जिससे उनको अच्छी नींद आती है। अब तो आपको यह पता चल चुका हि होगा कि बच्चो को लोरी सुनायी जाने पर उनको नींद क्यो आ जाती है।

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