डर लगने पर दिल की धड़कन तेज क्यों हो जाती है? Why does the heart beat faster when scared?
दोस्तों आपने अक्सर यह देखा होगा कि जब हमारे सामने कोई दुर्घटना घटित होती है तो हमारे दिल की धड़कन तेज हो जाती है जैसे अचानक से सामने साँप का आ जाना या अचानक से कोई भी घटना घटित होने पर। अब सवाल यह उठता है कि डर लगने पर हमारे दिल कि धड़कन क्यों तेज जाती है-
दोस्तों हमारा मस्तिष्क एक केंद्रिय कंप्यूटर की तरह शरीर के सारे कार्यों को संचालित करता है यह काम तंत्रिका तंत्र (Nervous system) से होता है तंत्रिका तंत्र का एक हिस्सा शरीर को सांस लेने, भोजन को पचाने, पसीना निकालने, कप-कपी जैसी तापमान क्रियाओं का संचालन करता रहता है आपको उसमें कुछ भी करने की जरूरत नहीं होती है इसे स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली (autonomic nervous system) कहते हैं इस सिस्टम के दो हिस्से होते हैं सिंपथेटिक और पैरासिपैथेटिक नर्वस सिस्टम। इसमें से एड्रेनालाइन हार्मोन निकलता रहता है जिससे मसल्स को अतिरिक्त शक्ति मिलती है जिसकी वहज से आप अचानक के घटना घटित होने वाली दुर्घटना से बच सकते है। एड्रोनाइलाइन हार्मोन हमे अचानक से निर्णय लेने मे सहायता करता है जैसे- आग मे हाथ लगने पर तुरन्त हाथ पिछे खिंचना या सांप को देखकर अचानक से पिछे हो जाना आदि कि वजह से हमारे दिल कि धड़कन तेज हो जाती है। जो भी घटना अचानक से घटित होती है उसे हम प्रत्यावर्ती क्रिया भी कहते है। यही कारण है जिसकी वजह से दिल कि घड़कन तेज हो जाती है।